तांबा (Copper) एक ऐसी धातु है, जिसका पता मनुष्य
ने पाषाण काल के अंत में ही लगा लिया था यह प्रकृति में दाने या पिण्डों के रूप
में ही मिलता है और शायद मानव को यह धातु पिण्ड रूप में ही मिली होगी ईसा से 6000 वर्ष पूर्व
मनुष्य तांबे के औजार, हथियार और आभूषण
प्रयोग में लाने लगा था
ईसा से लगभग 4000 वर्ष पूर्व मनुष्य ने तांबे को खानों से निकलना शुरु कर दिया था हज़ारों वर्ष तक तांबा ही एक ऐसी धातु थी जिसका प्रयोग मनुष्य करता रहा इसके बाद जब आदमी को यह पता चला कि तांबा और टिन मिलकर कांसा नाम कि मिश्र धातु बनती है, जो तांबे से अधिक सख्त होती है, तो उसने कांसे को प्रयोग में लाना शुरु किया
ईसा से लगभग 4000 वर्ष पूर्व मनुष्य ने तांबे को खानों से निकलना शुरु कर दिया था हज़ारों वर्ष तक तांबा ही एक ऐसी धातु थी जिसका प्रयोग मनुष्य करता रहा इसके बाद जब आदमी को यह पता चला कि तांबा और टिन मिलकर कांसा नाम कि मिश्र धातु बनती है, जो तांबे से अधिक सख्त होती है, तो उसने कांसे को प्रयोग में लाना शुरु किया
पिछले सौ वर्ष
में तांबे का उपयोग बहुत बढ़ गया है यह विधुत उधोग में तार बनाने में बहुत अधिक
मात्रा में होता है इसका कारण यह है कि यह एक मुलायम धातु है, जिससे इसके तार
आसानी से खींचे जा सकते हैं यह विधुत और ऊष्मा का बहुत अच्छा चालक (Conductor) है हज़ारों टन
तांबा बिजली के तार बनाने में संसार में हर वर्ष प्रयोग में आता है इसे मोटर, डायनमो आदि में
भी प्रयोग करते है तांबे के सिक्के तो सारे संसार में चलते ही रहे हैं
तांबा दूसरी
धातुओं के साथ मिलकर मिश्र धातु बनाता है इसकी दो मिश्र धातुएं मुख्य हैं पहली
कांसा और दूसरी पीतल कांसे में 90 प्रतिशत तांबा, 4 प्रतिशत टिन और शेष जस्ता, सीसा और निकल होते हैं पीतल में 70 प्रतिशत तांबा
और 30 प्रतिशत जस्ता
होता है ये दोनों ही मिश्र धातुएं हमारे लिए बहुत उपयोगी है इनसे अनेकों प्रकार के
बर्तन तथा उधोगों में काम आने वाली चीजें बनाई जाती हैं तांबा और एल्यूमिनियम भी
एक मिश्र धातु बनाते हैं जिसे एल्यूमिनियम ब्रोन्ज़ कहते हैं यह भी आजकल बहुत
प्रयोग में आ रही है
तांबा दूसरे
तत्वों से मिलकर दूसरे यौगिक बनाता है इसके सभी यौगिक जहरीले होते हैं, इसलिए इन यौगिकों
को कीटाणु विनाशक के रूप में प्रयोग किया जाता है, जैसे कृषि में इस यौगिकों को कीटाणु मारने के
लिए प्रयोग में लाया जा रहा है
तांबा हमारे लिए
इतना उपयोगी सिद्ध हुआ है कि दिन प्रतिदिन संसार में इसका उत्पादन बढ़ाने के
अधिकधिक प्रयास किए जा रहे हैं तुम्हेँ आश्चर्य होगा कि सन 1961 में सारे संसार
में लगभग 41 लाख टन तांबे का
उत्पादन हुआ और सन 1970 में यह उत्पादन
दधकर लगभग 65 लाख टन हो गया
इससे हम कल्पना कर सकते है कि तांबा हमारे लिए कितना उपयोगी है मनुष्य के शारीर
में भी अल्पमात्रा में तांबा पाया जाता है यह हिमोग्लोविन बनाने में सहायता करता
है
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