दलदल किसे कहते हैं दलदल कैसे बनता है?

दलदल प्रकृति में एक ऐसी विचित्र स्थिति है, जो देखने में तो साधारण लगती है, लेकिन होती बड़ी खतरनाक है दूर से देखने से दलदल और जमीन में कोई अन्तर नहीं लगता, लेकिन गलती से यदि कोई आदमी दलदल में घुस जाए तो उस व्यक्ति का धीरे-धीरे उसमें धंसना शुरु हो जाता है और फिर वह उसी में डूब जाता है दलदल में एक बार फंसने के बाद निकलना बहुत कठिन है, लेकिन इसकी गहराई बहुत अधिक होती है

दलदल की संरचना कैसे होती है?

दलदल आमतौर पर बड़ी-बड़ी नदियों के किनारे और समुंद्र तट पर बनते हैं जिन नदियों के किनारे या समुंद्र तट की  धरती में चिकनी मिट्टी की परत होती है और रेत की मात्रा अधिक होती है, वहां पर पानी की लहरों के बहाव से रेट और मिट्टी में जमा होता रहता है चिकनी मिट्टी की भीतरी परत इस पानी को सूखने नहीं देती धीरे-धीरे यह रुका हुआ पानी सड़ने लगता है और मिट्टी एक गहरे कीचड़ के रूप में बादल जाती है इसकी संरचना ठोस न रह कर कुछ ढीली हो जाती है इसी को दलदल कहते हैं

दलदल में द्रव पदार्थ की मात्रा मिट्टी से अधिक होती है इसलिए कोई व्यक्ति इसमें तैर सकता है इसके लिए यह जरुरी है कि दलदल में पहुंचते ही पैर तेजी से नहीं चलाने चाहिए, बल्कि धीरे-धीरे हांथ पैर चलाकर दलदल के द्रव पदार्थ को अपने चारों ओर जमा होने देना चाहिए इस पानी में व्यक्ति आसानी से तैर सकता है और तैर कर किनारे की ठोस भूमि तक आ सकता है तथा इस प्रकार अपने को दलदल से बचा सकता है

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