जीडीपी क्या है? जीडीपी का क्या
मतलब है? जीडीपी का फुल
फॉर्म “Gross Domestic
Product” होता है और GDP का हिंदी अर्थ सकल घरेलु उत्पाद होता है जीडीपी का अर्थ
होता है की किसी देश या अर्थव्यवस्था में, एक वर्ष के अंदर वस्तु एवं सेवाओं की जो कुल मात्रा
उत्पादित की जाती है उसे सकल घरेलू उत्पाद या जीडीपी कहते है इसे कुल घरेलू उत्पाद
भी कहा जाता है |
जीडीपी जानने का
आसान तरीका यह होता है की उत्पादन के साधनों का पारिश्रमिक जाना जाए, जिसका कुल योग 'सकल घरेलू उत्पाद' के बराबर होगा।
इस तरीके को आय दृष्टिकोण कहा जाता है।
सकल घरेलू उत्पाद
(GDP) = मजदूरी एवं वेतन
+लगान + शुद्ध ब्याज + कंपनियों के लाभ
+अप्रत्यक्ष कर+मूल्य-ह्रास।
मूल्य-ह्रास
-किसी भी कारण से वस्तु के मूल्य में स्थाई कमी होना मूल्य -ह्रास कहलाता है। जैसे
-टूट-फुट जाना।
जीडीपी ज्ञात करने का सबसे आसान तरीका:-
GDP = C+I+G+(X-M)
यहाँ - C-उपभोग, I-निवेश, G-सरकारी खर्च, X-निर्यात, M-आयात
शुद्ध घरेलू
उत्पाद (NDP) -जीडीपी में से
अप्रत्यक्ष कर तथा मूल्य-ह्रास को घटा देने से जो बचता है, उसे शुद्ध घरेलू
उत्पाद या NDP कहते है।
NDP = GDP - अप्रत्यक्ष कर -
मूल्य ह्रास.
GDP को समझने के लिए
हमें दो अन्य चीजों को भी समझना होगा-
1.सकल राष्ट्रीय
उत्पाद (GNP) - किसी देश में एक
वर्ष के अंदर जितनी वस्तु एवं सेवाओं का उत्पादन होता है उसके मौद्रिक मूल्य को
सकल राष्ट्रीय उत्पाद या जीएनपी कहते है। यह ध्यान रखना चाहिए की जीडीपी और जीएनपी
में अंतर है।
GNP = GDP+देशवाशियो द्वारा
विदेशों में अर्जित आय - विदेशियों द्वारा देश में अर्जित आय।
2.शुद्ध राष्ट्रीय
उत्पाद (एनएनपी) - सकल राष्ट्रीय उत्पाद या जीएनपी प्राप्त करने के लिए कुछ खर्च
करना पड़ता है। अतः जीएनपी में से इन ख़र्चों को घटा देने से जो शेष बचता है उसे
शुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद या एनएनपी कहते है।
NNP = GNP - मूलयह्रास
मूलयह्रास =
कच्चे माल की कीमत+कर एवं बीमा का व्यय +चल एवं अचल पूँजी का प्रतिस्थापन व्यय एवं
मरम्मत
जीडीपी कैसे मापी
जाती है?
जीडीपी मापने के
निम्नलिखित तीन तरीके होते है: -
1.व्यय दृष्टिकोण -
अर्थव्यवस्था में भाग लेने वाले सभी समूहों द्वारा किये गए खर्च की गणना करना।
जैसे आपके द्वारा बाजार में कुछ भी खरीदना जिसके लिए आपको पैसे खर्च करने पड़ते है।
यह सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाने वाला तरीका है।
GDP = C+G+I+(X-M)
2.आय दृष्टिकोण -
यह खर्च के विपरीत है यानी वस्तु एवं सेवाओं की जो कुल मात्रा उत्पादित होती है
उसे पुनः मजदूरों या उत्पादन के साधनों के बीच उनके पारिश्रमिक के रूप में बाँट
दिया जाता है। अतः जीडीपी जानने का आसान तरीका यह है की उत्पादन के साधनो का
पारिश्रमिक जाना जाए, जिसका कुल योग 'सकल घरेलू उत्पाद' के बराबर होगा।
इस तरीके को आय दृष्टिकोण कहते है।
सकल घरेलू उत्पाद
(GDP) = मजदूरी एवं वेतन
+लगान + शुद्ध ब्याज + कंपनियों के लाभ
+अप्रत्यक्ष कर+मूल्य-ह्रास।
3.मूल्य जोड़
दृष्टिकोण - उत्पादित हुए सभी वस्तुओं का मूल्य जोड़ कर इसे ज्ञात किया जाता है।
इसमें अंतिम उत्पाद की गणना की जाती है। अंतिम उत्पाद का अर्थ है वो वस्तु जो
ग्राहक खरीदता है।
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