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काँच एक अक्रिस्टलीय ठोस या अतिशीतित (super cooled) द्रव है, इसलिए काँच की कोई क्रिस्टलीय संरचना नहीं होती है और न ही उसका कोई निश्चित गलनांक होता है।

इसका संघटन परिवर्तनीय है और साधारणतया इसे निम्नलिखित सामान्य सूत्र से प्रकट करते हैं-

aR2O.bMO.6SiO2

जहाँ R = एक संयोजक क्षार धातु; जैसे - Na,K आदि।
M = द्वि- संयोजक धातु; जैसे - Ca, Pb आदि।
a तथा b = अणुओं की संख्या

साधारण काँच का सूत्र Na2O.CaO.6SiO2 है। इसे निम्नवत् भी लिखा जा सकता है-

NaSiO3.CaSiO3.4SiO2


पाइरेक्स तथा क्रुक्स काँच में अन्तर व उपयोग :-
पाइरेक्स काँच मुख्यतः सोडियम एलुमिनेट तथा बोरोसिलिकेट का मिश्रण है। इसका उपयोग प्रयोगशाला में उच्च कोटि के उपकरण बनाने में किया जाता है, जबकि क्रुक्स काँच में सिरियम ऑक्साइड (CeO2) का प्रयोग होता है। इसका उपयोग पराबैंगनी किरणों को रोकने में अर्थात् चश्मों के लेन्स बनाने में किया जाता है।

काँच का निर्माण :-
काँच बनाने में प्रयुक्त होने वाले कच्चे पदार्थों; जैसे - बालू, सोडियम या पोटैशियम कार्बोनेट, कैल्सियम कार्बोनेट, रेड लेड, टूटे हुए काँच के टुकड़े (क्लेट), विरंजक आदि को उचित मात्रा में मिलाकर तथा पीसकर चूर्ण बना लिया जाता है। मिश्रण को एक पात्र भट्टी (Pot furance) या हौज भट्टी (tank furance) में भरकर 1400° -1500℃ पर 10 -12 घण्टे तक गर्म करने पर निम्नलिकित अभिक्रिया के फलस्वरूप काँच प्राप्त होता है-

Na2CO3 + 6SiO2 + CaCO3 → Na2O.CaO.6SiO2 + 2CO2 ↑

काँच की किस्में :-
(1) मुद्रा काँच या सोडा काँच,
Na2O.CaO.6SiO2
इसका लगभग संघटन निम्नलिखित है-
SiO2 - 75%, Na2O - 15%, CaO - 8%, Al2O3 - 2%

(2) कठोर काँच या पोटाश लाइम काँच,
K2O.CaO.6SiO2

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