सिलाई कि मशीन एक
ऐसी मशीन है, जिसकी उपयोगिता
से सभी परिचित हैंl इससे हमारे कपडे
सिलते हैं, किताबें सिलती
हैं और चमड़े कि सैकड़ो वस्तुओं कि सिलाई होती है महिलाएं इसका प्रयोग घरों में कपड़ा
सिलने में करती हैं और दर्जी इसे कपड़े सिलने के व्यवसाय में प्रयोग करते हैं आमतौर
पर ये मशीनें दो प्रकार कि होती हैं, एक तो हाथ से चलाने वाली और दूसरी पैरों से चलाने वाली क्या तुम्हारे मन
में कभी यह प्रश्न आया है कि सिलाई कि मशीन का अविष्कार कैसे हुआ? तो आइये जानते है |
सिलाई कि मशीन का अविष्कार कैसे हुआ?
सवॅप्रथम सिलाई
कि मशीन का डिज़ाइन इंग्लैंड के थामस सेंट (Thomas Saint) नामक व्यक्ति ने तैयार किया, लेकिन मशीन बन
जाने पर उसमें कुछ कमियों के कारण उसे प्रयोग में न लाया जा सका इसके बाद 1830 में फ्रांस के
एक गरीब दर्जी, जिसका नाम
बार्थलेमी थिमोनियर (Barthelemy
Thimonier) था,
ने सिलाई कि मशीन
का निर्माण किया
इसका प्रयोग जैसे
ही फ्रांस में शुरू हुआ, वैसे ही हाथ से
सिलाई करने वाले कारीगरों को यह डर पैदा हो गया कि मशीन के प्रयोग से उनका रोजगार
समाप्त हो जायगा इस आशंका के कारण
कारीगरों ने मशीन बनाने वाली फैक्ट्री पर धावा बोल दिया और देखते ही देखते
फैक्ट्री में रखी सारी मशीन, तथा फैक्ट्री को नष्ट कर डाला सन् 1832 में अमेरिका के
वाल्टर हंट (Walter Hunt)
ने एक और सिलाई
कि मशीन बनाई, लकिन यह भी अधिक
सफल नहीं हो सकी
पहली सफल मशीन को
बाजार तक ले जाने का श्रेय अमेरिका इसाक सिंगर (Isaac Singer) को जाता है इन्होंने 1851 में लोहे कि मशीन
का निर्माण किया इन्हीं के नाम पर सिंगर कम्पनी कि स्थापना हुई यह डिज़ाइन सारी
दुनिया में फैल गया 1889 में बिजली से
चलने वाली मशीन बनाई गई, जो हौजरी उधोग
में प्रयोग में लाई जाती है अब तो अनेकों प्रकार कि मशीनें बनाने लगी हैं सिलाई कि
मशीनों के साथ-साथ, कढ़ाई और काज
बनाने कि मशीनें भी आज उपलब्ध हैं |
सिलाई मशीन का आविष्कार किसने किया?
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