सूर्य हमारे सौर-परिवार का केंद्र है यह आग जैसे जलते हुए गोले की तरह नज़र आता है सूर्य का इतना अधिक तेज़ होता है कि हम इसको नंगी आंखों से नहीं देख सकते केवल सुबह और शाम ही हम सूरज की और देख सकते हैं इसकी चमक से ही अनुमान लगाया जा सकता है कि सूर्य कितना गर्म होगा |

सूर्य का तापमान क्या है?


सूर्य का तापमान क्या है?

सूर्य कितना गर्म है इस बात का केवल कुछ वैज्ञानिक प्रयोगों द्धारा ही पता लगाया जा सकता है सूर्य का तापमान इतना अधिक है कि वहां तक जाना असम्भव है वैज्ञानिक प्रयोगों से यह पता लगाया गया है कि इसकी सतह का तापमान लगभग 6000 डिग्री सेंटीग्रेड है इस तापमान का आप इस बात से अनुमान लगा सकते हैं कि लोहे जैसी धातु भी लगभग 1430 डिग्री सेंटीग्रेड पर पिघल जाती है इसका मतलब यह हुआ कि कोई भी पदार्थ ऐसा नहीं है, जो सूरज की सतह पर ठोस अवस्था में रह सके इससे यह निष्कर्ष निकलता है कि सूर्य गैसों से मिलकर बना है ज्यों-ज्यों सूर्य की सतह से अन्दर की ओर जाया जाए त्यों-त्यों तापमान बढ़ता जाता है |


वैज्ञानिकों ने यह पता लगाया है कि सूर्य के केंद्र का तापमान लगभग 150 लाख डिग्री सेटीग्रेड है सूर्य के अन्दर ताप नाभिक्र्य (Nuclear Fusion) क्रियाएं होती रहती हैं, जिसके फलस्वरूप ऊष्मा पैदा होती रहती है इन क्रियाओं में चार हाइड्रोजन के परमाणु मिलकर हीलियम का एक परमाणु बनाते हैं हीलियम के इस प्रकार बने परमाणु का द्रव्यमान (Mass) हाइड्रोजन के चार परमाणुओं से कम होता है द्रव्यमान की यह कमी ही उर्जा में परिवर्तित होती रहती है |

सूर्य से कितनी गर्मी हमारे धरती पर आती है, इस बात को ज्ञात करने के लिए कुछ प्रयोग किए गए हैं इन प्रयोगों से यह पता लगा है कि हमारे धरती के प्रतिवर्ग क्षेत्रफल पर प्रति मिनट दो कैलोरी ऊष्मा ऊर्जा सूरज से आती है इससे आप अनुमान लगा सकते हैं कि इतनी बड़ी धरती पर सूरज से कितनी ऊष्मा उर्जा आती होगी |

तो हम आशा करते है की आपको पता चल गया होता की सूर्य का तापमान कितना होता है और सूर्य इतना अधिक गर्म क्यों होता है 

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