क्या आप जानते है टाइपराइटर का आविष्कारक कौन थे इसे सबसे पहले कब और किसने बनाया था वैसे टाइपराइटर (Typewriter) एक ऐसी मशीन है, जिसमें अक्षरों को हाथ से लिखने की बजाय टाइप किया जाता है इसकी सहायता से एक ही बार में कार्बन (Carbon Paper) का प्रयोग करके चार, पांच सुन्दर प्रतिलिपियां तैयार कि जा सकती हैं इसके द्वारा टाइप किए गए शब्द छापे की तरह सुन्दर होते हैं |


Typewriter ka avishkar kisne kiya


टाइपराइटर (Typewriter) से शब्दों को कागज पर हांथ की अपेक्षा अधिक तेजी से लिखा जा सकता है इस मशीन में एक की बोर्ड (Key Board) होता है, जिसमें टाइप किए जाने वाले सभी अक्षर लगे होते हैं कागज लगाने के लिए एक बेलनाकार (Cylindrical) छड़ होती है, जो टाइप करने के साथ-साथ चलती है स्याही युक्त एक रिबन के साथ ये अक्षर बेलनाकार (Cylindrical) छड़ पर टकराते हैं और इस प्रकार अक्षर छड़ पर लिपटे हुए कागज पर टाइप हो जाते हैं इसके अतिरिक्त और भी छोटे-छोटे पुर्जे मशीन में लगे होते हैं जिनके द्वारा अक्षरों को बड़ा (Capital) या छोटा (Small) अंकित किया जा सकता है


टाइपराइटर का आविष्कार (Invention of Typewriter)

सबसे पहले सन 1784 में अंधे व्यक्तियों को लिखना सिखाने के लिए फ़्रांस में एक मशीन बनाई गई थी, जिसमें उभरे हुए अक्षर थे सन 1829 में अमेरिका में टाइप करने की मशीन बनाई गई, जिसका नाम टाइपोग्राफर (Typographer) था इसके बाद कई प्रकार के टाइपराइटरों का विकास हुआ, लेकिन उनमें कुछ न कुछ कमियां थीं देखने में ये बेडौल थे और आकार में ये पियानो के बराबर थे अच्छे टाइपराइटर बनाने कि दिशा में पहला सफल प्रयास 1867 में अमेरिका के क्रिस्टोफर लेथम शोल्स (Christopher Lathem Sholes) ने किया उन्होंने एक बहुत ही अच्छे टाइपराइटर का माडल दिया, जिसका निर्माण कार्य 1873 ई॰ में रेमिंगटन एंड संस नमक न्यूयार्क की कम्पनी ने अपने हाथ में ले लिया सन 1874 में पहला रेमिंगटन नमक टाइपराइटर बाज़ार में बिकने के लिए आया इसमें आज के टाइपराइटर जैसी लगभग सभी चीजें थीं इसके पश्चात् नाना प्रकार के टाइपराइटरों का विकास हुआ 

कब हुआ इसे किसने बनाया था अब तो अनेकों प्रकार के टाइपराइटर बाज़ार में उपलब्ध हैं आज ऐसे भी टाइपराइटर बना लिए गए हैं, जो टाइप करने में आवाज नहीं करते | विधुत से चलने वाले टाइपराइटर भी बना लिए गए हैं, जिनमें अक्षरों के बीच की दुरी प्रिंट की भांति होती है


सन 1909 में छोटे-छोटे टाइपराइटरों का विकास हुआ, जिन्हें एक स्थान से दूसरे स्थान तक आसानी से ले जाया जा सकता है सन 1953 में बहुत तेज़ी से टाइप करने वाले टाइपराइटर बनाए गए, जिनका प्रयोग कंप्यूटरों के साथ में होता है इनसे एक मिनट में 1,00,000 (एक लाख) अक्षर तक टाइप हो सकते हैं ये टाइपराइटर विधुतचलित होते हैं

टाइपराइटरों के विकास ने आधुनिक व्यापार में संचार-प्रेषण को बहुत बढ़ाबा दिया है इनका जीवन के सभी क्षेत्रों, शिक्षा, संचरण आदि में बहुत प्रभाव पड़ा है महिलाओं को नौकरियों में प्रवेश कराने में टाइपराइटरों ने बहुत बड़ी मदद की है अलग-अलग देश में वहां पर प्रयोग होने वाली लिपियों के टाइपराइटर मिलते हैं

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