Accounting in Hindi

एकाउंटिंग क्या है? What is Accounting in Hindi
आधुनिक युग में व्यवसाय के आकार में वृद्वि के साथ-साथ व्यवसाय की जटिलताओ में भी वृद्वि हुयी है। व्यवसाय का सम्बन्ध अनेक ग्राहकों, आपूर्तिकर्ताओं तथा कर्मचारियों से रहता है और इसलिए व्यावसायिक जगत में सैंकडों, हजारों या लाखों लेन-देन हुआ करते है। सभी लेन-देनों को मौखिक रूप से याद रखना कठिन व असम्भव है। हम व्यवसाय का लाभ जानना चाहते है और यह भी जानना चाहते है कि उसकी सम्पतियाॅ कितनी है, उसकी देनदारिया या देयताए कितनी है, उसकी पूंजी कितनी है आदि। इन समस्त बातों की जानकारी के लिए लेखांकन की आवश्यकता पडती है।

अर्थ:-
सरल शब्दों में लेखांकन का आशय वित्तीय स्वभाव के सौदों(या लेन देनों) को क्रमबद्व रूप में लेखाबद्व करने, उनका वर्गीकरण करने, सारांश तैयार करने एवं उनको इस प्रकार प्रस्तुत करने से है, जिससे उनका विश्लेषण व निर्वचन हो सके। लेखांकन में सारांश का अर्थ तलपट बनाने से है और विश्लेषण व निर्वचन का आधार अन्तिम खाते होते है, जिनके अन्र्तगत व्यापार खाता, लाभ-हानि खाता तथा चिटटा/स्थिति विवरण या तुलन पत्र तैयार किये जाते है।

परिभाषाए:-
अमेरिकन इन्सटीटयूट आफ सर्टिफाइड पब्लिक एकाउन्टेण्टस ने 1961 में लेखांकन की परिभाषा निम्न प्रकार दी थी:
लेखांकन सौदों एवं घटनाओं की, जो आंशिक रूप में अथवा कम से कम वित्तीय प्रवृति के होते है, प्रभावपूर्ण विधि से एवं मौद्रिक रूप में लिखने, वर्गीकृत करने और सारांश में व्यक्त करने तथा उनके परिणामों की व्याख्या करने की कला है।
इस परिभाषा मे लेखांकन के कार्य-क्षेत्र पर पूर्ण प्रकाश डाला गया है, इसमें केवल लेखे तैयार करना ही लेखांकन का कार्य नहीं माना गया, वरन लेखों का श्रेणीयन, विश्लेषण एवं व्याख्या पर भी बल दिया गया है। इस परिभाषा में लेखांकन से प्राप्त होने वाले सभी लाभो की स्पष्ट झलक मिलती है।

अमेरिकन एकाउन्टिंग प्रिन्सिपल्स बोर्ड ने लेखांकन की परिभाषा निम्न शब्दों में दी है
इस परिभाषा के अनुसार लेखांकन एक सेवा क्रियाकलाप है। इसका कार्य आर्थिक इकाइयों के सम्बन्ध में परिमाणात्मक सूचनाए, मुख्यतः वित्तीय प्रकृति की, जो आर्थिक निर्णयों व वैकल्पिक उपायों में से सुविचारित चयन के लिए उपयोगी है, प्रदान करना है।
स्मिथ एवं एशबर्न के अनुसार, “ लेखांकन मुख्यतः वित्तीय स्वभाव वाले व्यावसायिक व्यवहारों और घटनाओं के लिखने एवं वर्गीकरण करने का विज्ञान है और इन व्यवहारों व घटनाओं का महत्वपूर्ण सारांश बनाने, विश्लेषण करने उनकी व्याख्या और परिणामों को उन व्यक्तियों तक संप्रेषित करने की कला है जिन्हें उनके आधार पर निर्णय लेने है।
इस परिभाषा में लेखांकन को विज्ञान और कला दोनों ही माना गया है। इसमें लेखांकन के क्षेत्र को, लेखों के आधार पर परिणाम निकालकर इनका विश्लेषण एवं व्याख्या करके सम्बन्धित व्यक्तियों तक पहुचाना शामिल करके विस्तृत कर दिया गया है।

लेखांकन की परिभाषा से सम्बन्धित विभिन्न पहलू

Steps in Accounting
(1) आर्थिक घटनाए- व्यावसायिक संगठनों का सम्बन्ध आर्थिक/वित्तीय घटनाओं से होता है, जिन्हें मुद्रा के रूप में मापा जा सकता है। माल का क्रय, मशीनरी का क्रय, वस्तुओं एवं सेवाओं की बिक्री, इत्यादि आर्थिक घटनाए है।

(2) व्यावसायिक लेन-देनों की पहचान करना इसका अभिप्राय यह निर्धारित करना है कि किन लेन-देनों का लेखा किया जाए अर्थात उन घटनाओ की पहचान करना जिनका अभिलेखन किया जाना है।

(3) लेन-देनों का मापन लेखा पुस्तकों में उन्हीं लेन-देनों का अभिलेखन किया जाता है, जिनका मूल्यांकन मुद्रा के रूप में सम्भव है। उदाहरण के लिए, माल की आपूर्ति हेतु आदेश देना, कर्मचारियों की नियुक्ति महत्वपूर्ण घटनाए है, पर इनका लेखा नहीं किया जाता है, क्योंकि ये मुद्रा के रूप में मापनीय नहीं है।

(4) अभिलेखन- लेखा-पुस्तकों में वित्तीय स्वभाव के लेन-देनों का लेखा तिथिवार नियमानुसार किया जाता है। अभिलेखन इस प्रकार किया जाता है कि परम्परा के अनुसार इनका सारांश तैयार किया जा सके।

(5) सम्प्रेषण-लेखांकन सूचनाओं का उपयोग विभिन्न प्रकार के लोग व संगठन करते है। अतः लेन-देनों का अभिलेखन इस प्रकार किया जाता है एवं सारांश इस प्रकार तैयार किया जाता है कि लेखांकन सूचनाए आन्तरिक एवं बाहय उपयोगकर्ताओं के लिए उपयोगी हो सकें। लेखांकन सूचना लेखा प्रलेखों के माध्यम से नियमित रूप से सम्प्रेषित की जाती है।

(6) संगठन- संगठन से अभिप्राय किसी व्यावसायिक उ़द्यम से है, जिसका उददेश्य लाभ कमाना है या लाभ कमाना नही है।

(7) सूचना में अभिरूचि रखने वाले उपयोगकर्ता- लेखांकन सूचना के आधार पर विभिन्न उपयोगकर्ता निर्णय लेते है। सूचनाओं के उपयोगकर्ताओं में निवेशक, लेनदार, बैक, वित्तीय संस्थाएॅ, प्रबन्धक, कर्मचारी आदि उल्लेखनीय है।

Features of Accounting

1. लेखांकन व्यावसायिक सौदों के लिखने और वर्गीकृत करने की कला है
2. ये लेन-देन पूर्ण या आंशिक रूप से वित्तीय प्रकृति के होते है।
3. सौदे मुद्रा में व्यक्त किये जाते है।
4. यह सारांश लिखने, विश्लेषण और निर्वचन करने की कला हैं
5. विश्लेषण और निर्वचन की सूचना उन व्यक्तियों को सम्प्रेषित की जानी चाहिए जिन्हें इनके आधार पर निष्कर्ष या परिणाम निकालने है या निर्णय लेने है।

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