Assembler in Hindi

असेंबलर को समझने से पहले आपको सबसे पहले मशीनी भाषा को समझना पड़ेगा अगर आपको इसके बारे में नहीं पता तो आप हमारी पुरानी पोस्ट में इसे पढ़ सकते हैं असेम्बलर एक ऐसा सिस्टम सॉफ्टवेयर है जो असेंबली भाषा में लिखे हुए प्रोग्राम को मशीनी भाषा में बदल देता है कंप्यूटर एक मशीन है इस मशीनी भाषा को समझ कर कार्य करने के उपरांत हमें रिजल्ट मिलता है |

असेंबली भाषा में लिखे जाने वाले कोड को सोर्स कोड कहते हैं असेंबलर द्वारा उस सोर्स कोड को मशीनी भाषा में बदलने पर जो कोड बनता है उसे ऑब्जेक्ट कोड कहते हैं |

असेंबलर लैंग्वेज काम कैसे करता है?

मशीनी भाषा 0 और 1 की भाषा है इसका मतलब ऑन या ऑफ होता है जिसे समझना अत्यंत कठिन होता है इस कठिनाई को दूर करने के लिए असेंबली भाषा का प्रयोग किया जाता है जिसमें कुछ नहीं निमोनिक कोड का इस्तेमाल किया जाता है जैसे ADD MUL DIV SUB इत्यादि इन्हें सिंबोलिक कोड भी कहा जाता है इन्हें उपयोग करके प्रोग्राम लिखना आसान हो जाता है |

हाई लेवल लैंग्वेज के आने से पहले इसी भाषा का इस्तेमाल किया जाता था परंतु आजकल काफी तरह की हाई लेवल लैंग्वेज मार्केट में उपलब्ध है इसलिए यह बहुत कम उपयोग की जाती है असेंबलर इन्हीं निमोनिक कोड का इस्तेमाल करके लिखे गए प्रोग्राम को मशीनी भाषा में बदल देता है जिसे कंप्यूटर आसानी से समझ लेता है यही असेंबलर का काम होता है |

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