कांग्रेस पार्टी
कब बनी? कांग्रेस
अस्तित्व में कब आया?
भारतीय राष्ट्रीय
कांग्रेस की स्थापना, 72 प्रतिनिधियों की
उपस्थिति के साथ 28 दिसंबर 1885 को बॉम्बे के
गोकुलदास तेजपाल संस्कृत महाविद्यालय में हुई थी. इसके प्रथम महासचिव (जनरल
सेक्रेटरी) एओ ह्यूम थे और कोलकता के वोमेश चंद्र बैनर्जी प्रथम पार्टी अध्यक्ष
थे. अपने शुरुआती दिनों में कांग्रेस का दृष्टिकोण एक कुलीन वर्गीय संस्था का था.
स्वराज का लक्ष्य सबसे पहले बाल गंगाधर तिलक ने अपनाया था.
1907 में काँग्रेस में दो दल बन गए. गरम दल और नरम
दल. गरम दल का नेतृत्व बाल गंगाधर तिलक, लाला लाजपत राय एवं बिपिन चंद्र पाल(जिन्हें लाल-बाल-पाल भी
कहा जाता है) कर रहे थे. नरम दल का नेतृत्व गोपाल कृष्ण गोखले, फिरोज़शाह मेहता
एवं दादा भाई नौरोजी. गरम दल पूर्ण स्वराज की मांग कर रहा था परन्तु नरम दल
ब्रिटिश राज में स्वशासन चाहता था
प्रथम विश्व
युद्ध के छिड़ने के बाद सन 1916 की लखनऊ बैठक में दोनों दल फिर एक हो गए और होम रूल आंदोलन
की शुरुआत हुई जिसके तहत ब्रिटिश राज में भारत के लिए अधिराज्य अवस्था(डॉमिनियन
स्टेटस) की मांग की जा रही थी.
1916 में गांधी जी के
भारत आगमन के साथ कांग्रेस में बहुत बड़ा बदलाव आया. चम्पारन एवं खेड़ा में भारतीय
स्वतंत्रता संग्राम को जन समर्थन से अपनी पहली सफलताएँ मिली. 1919 में जालियाँवाला
बाग हत्याकांड के पश्चात गांधी जी काफी सक्रिय हुए और उनके मार्गदर्शन में
कॉंग्रेस जनांदोलन के रास्ते पर चली
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