Dabur Chyawanprash ke fayde

च्यवनप्राश एक आयुर्वेदिक औषधि होती है जिसका निर्माण आंवला, विभित्र तरह की जड़ी-बूटियों और अन्य सामग्री को मिलाकर किया जाता है।च्यवनप्राश काला और भूरा रंग का दिखता है। च्यवनप्राश का सेवन बच्चो से लेकर बूढ़े तक करते है।

च्यवनप्राश बनाने के लिए 40-50 घटकों की जरुरत पड़ती है। ताजा आंवला के अंदर विटामिन सी की अच्छी मात्रा होती है। आंवला को सुखाने और जलाने के बाद भी इसके अंदर के विटामिन की मात्रा कम नहीं होती है। च्यवनप्राश में औषधीय गुण से भरपूर लगभग 36 प्रकार की जड़ी-बूटियां होती है। केशर, पिपप्ली, शहद, छोटी इलाइची, नागकेशर, तेजपत्ता, दालचीनी, पाटला, श्योनक की छाल, कमर गट्टा, सफ़ेद मूसली सहित कई वनस्पतियो को मिलाकर च्यवनप्राश को तैयार किया जाता है।

च्यवनप्राश के लाभ और उपयोग

च्यवनप्राश हमारी सेहत के लिए बहुत अच्छा होता है। च्यवनप्राश का सेवन सर्दियों में विशेष रूप से इसलिए किया जाता है। क्योकि च्यवनप्राश सर्दियों में हमारे शरीर को गर्म रखता है, और हमारी सेहत के लिए भी फायदेमंद होता है। च्यवनप्राश से हमारी पाचन शक्ति और याददाश्त भी तेज होती है।

मौसमी संक्रमण से बचने के लिए
सर्दियां शुरू होते से ही मौसम में नमी बढ़ जाती है और मौसम में रोज परिवर्तन होता है। इस कारण हवा में नए तरह के बैक्टीरिया पैदा हो जाते है। इससे बहुत से लोग संक्रमण में आ जाते है और इस कारण व्यक्ति को बुखार की समस्या होती है। इन बीमारियों से लड़ने के लिए हमारे शरीर को च्यवनप्राश के सेवन की जरुरत होती है क्योकि च्यवनप्राश फंगल और बैक्टीरियल संक्रमण से लड़ने के लिए हमारे शरीर को मजबूत बनाता है। इस कारण ज्यादातर लोग च्यवनप्राश को बैक्टीरियल से बचने के लिए खाते है।

पाचन क्रिया को बढ़ाने के लिए
च्यवनप्राश हमारे पाचन को सुधारता है। जिस व्यक्ति की पाचन क्रिया बहुत कमजोर है उसको रोज च्यवनप्राश का सेवन करना चाहिए। जो व्यक्ति कब्ज से पीड़ित है उसे च्यवनप्राश का रोज सेवन करना चाहिए। इससे पीड़ित व्यक्ति को बहुत राहत मिलेगी।

बढ़ती उम्र रोकने के लिए
च्यवनप्राश हमारी बढ़ती उम्र को रोकने वाली औषधि है, इसमें बहुत सारे एंटीऑक्सीडेंट्स होते है जिससे हमारी त्वचा को फ्री- रेडिकल्स से होने वाले नुकसान से हम बचा सकते है। यह हमारे दिल को मजबूत बनाता है और दिमाग में ऑक्सीजन की आपूर्ति करता है। च्यवनप्राश को रोज खाने से चेहरे पर झुर्रिया और फाइन लाइन्स की मात्रा कम हो जाती है। खुद को खूबसूरत और जवान दिखाना चाहते है, तो च्यवनप्राश का अच्छे से सेवन करे।

ब्लड को प्यूरीफाई करने के लिए
जो लोग काम का ज्यादा दवाब लेते है, और जो काम को लेते पूरी नींद नहीं कर पाते या बाहर का जंक फ़ूड खाकर अपना पेट भर लेते है। ऐसे व्यक्तियों के शरीर में पर्याप्त विष जम जाता है। इस कारण आपका शरीर धीरे धीरे बीमारियों की चपेट में आ जाता है। इस कारण आपको रोजाना च्यवनप्राश खाना चाहिए। इससे आपके शरीर में सही तरीके से ब्लड प्यूरीफाई होता है और जमे हुए हानिकारक पदार्थो से लड़ने के लिए भी मजबूत होता है।

यौन शक्ति बढ़ाने के लिए
च्यवनप्राश को रोज खाने से आपकी यौन शक्ति बढ़ती है, और यौन संबंधी बीमारियों से निजात पाने के लिए च्यवनप्राश बहुत फायदेमंद होता है। च्यवनप्राश महिलाओं के मासिक धर्म की समस्या को दूर करने के लिए बहुत लाभकारी होता है।

याददाश्त बढ़ाने के लिए
भूलने की बीमारी आजकल बहुत आम समस्या हो गयी है। उम्र बढ़ने के एक समय बाद आप बहुत सी बातें भूलने लगते है। तो आप च्यवनप्राश खाए क्योकि इसकी जड़ीबूटी हमारे दिमाग की कार्य क्षमता को तेज करती है और याददाश्त भी तेज करता है। च्यवनप्राश बच्चो के लिए बहुत फायदेमंद होता है और बच्चों का पढ़ाई में भी मन लगता है। च्यवनप्राश के सेवन से स्वास्थ के लिए भी बहुत फायदे होते है।

च्यवनप्राश का सेवन कैसे करते है?

वैसे तो आप इसको ऐसे भी खा सकते है या दूध के साथ भी ले सकते है, इसको आप रोटी में लगाकर भी खा सकते है। च्यवनप्राश को आप 12 महीने खा सकते है। च्यवनप्राश खाने के आधे घंटे बाद ही खट्टी और मसालेदार चीज़ो का सेवन करना चाहिए क्योकि ये च्यवनप्राश की जड़ी-बूटियों के प्रभाव को कम कर देती है। 5 साल से कम बच्चों को इसका सेवन नहीं करना चाहिए। अगर आप बच्चों को भी च्यवनप्राश दे रहे है तो आधी चम्मच से ज्यादा न दे।

च्यवनप्राश के दुष्प्रभाव और नुकसान

# वैसे तो च्यवनप्राश का कोई दुष्प्रभाव नहीं है लेकिन कुछ लोगो के अनुभव के अनुसार इसके कुछ दुष्प्रभाव निम्नलिखित होते है।
# कुछ व्यक्तियों को अधिक मात्रा में च्यवनप्राश सही से नहीं पचता है, ऐसे में च्यवनप्राश का ज्यादा मात्रा में सेवन नहीं करना चाहिए। इसके ज्यादा सेवन से आपको दस्त भी लग जाते है।
# च्यवनप्राश के अंदर की जड़ी बूटियां शरीर के लिए बहुत गर्म होती है। इसलिए च्यवनप्राश का सेवन गर्मियों में नहीं करना चाहिए। अल्सर से पीड़ित व्यक्तियों को च्यवनप्राश का सेवन नहीं करना चाहिए।
# मधुमेह से पीड़ित व्यक्तियों को च्यवनप्राश का सेवन नहीं करना चाहिए, क्योकि इसमें कुछ मात्रा में शक्कर भी होती है। अगर आप च्यवनप्राश का सेवन करते है, तो एक बार डॉक्टर से सलाह जरूर लें।

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