यदि किसी क्षैतिज मेज पर रखी पुस्तक को किसी वेग से धकेल
दिया जाये अथवा किसी गेंद को फर्श पर किसी वेग से लुढ़का दिया जाये तो ये दोनों
थोड़ा चलने के पश्चात रुक जाती है । इन उदाहरणों से स्पष्ठ है कि पुस्तक तथा गेंद
दोनों पर कोई ऐसा बल लगता है जो इनकी गति
का विरोध करता है । इस बल को ही घर्षण बल (Friction) कहते हैं |
यह बल मेज तथा पुस्तक एंव गेंद तथा फर्श के अणुओं के बीच
पारस्परिक क्रिया से उत्पन्न होता है घर्षण बल का मुख्य कारण दोनों वस्तुओं की
सम्पर्क सतहों के परमाणुओं तथा अणुओं के बीच लगने वाला वैद्युत - चुम्बकीय बल ही
है ।
जब कोई वस्तु किसी सतह पर फिसलती है तो स्पर्शी तलों के मध्य एक विरोधी बल कार्य करने लगता है जो गति के विपरीत दिशा में कार्य करता है इसी विरोधी बल को घर्षण बल कहते हैं
घर्षण के नियम (Laws of friction)
घर्षण बल अभिलम्ब प्रतिक्रिया R के अनुक्रमानुपाती होता है |
f∝R
घर्षण बल वस्तु के गति की दिशा के विपरीत दिशा में कार्य
करता है |
यह बल सतह की प्रकृति पर निर्भर करता है |
घर्षण बल संपर्क तलों के क्षेत्रफल पर नहीं निर्भर करता |
घर्षण बल से लाभ और हानि
घर्षण बल से लाभ यह है कि हम घर्षण के कारण ही पृथ्वी पर
बिना फिसले चल सकते है|
सभी वाहनों में ब्रेक घर्षण बल के कारण ही लगता है |
घर्षण बल के कारण ही हम बोर्ड पर लिख सकते है|
इस बल से हानि यह है कि घर्षण के कारण ही मशीनों में उर्जा
के कुछ भाग की हानी और मशीनों में टूट-फूट होती हैं |
घर्षण बल (Friction) या घर्षण क्या हैं? घर्षण के नियम Laws of friction in Hindi
Reviewed by ADMIN
on
June 09, 2019
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