भागदौड भरी लाइफ में इन्सान के पास कुछ भी सोचने का समय
नहीं है | हमारा दिन-रात काम करते और इधर उधर दौड़ते ही
निकल जाता है और रात को थककर सो जाते हैं | फिर सुबह से वही
सब चलता रहता है | पर क्या आपने यह सोचा है
कि इन सब के चक्कर में हम उन चीजों को भूल कर रहे है जिनकी वजह से हम जिन्दा है | जी हां दोस्तों हमारे आस पास ऐसे बहुत सी
चीजें हैं जो हमे प्रकृति ने दी है | इन्हीं चीजों
में है हमारा सूर्य जो कि पृथ्वी पर जीवन का आधार है |
सूर्य हमें रोशनी देता है | साथ ही यह उर्जा
का सबसे बड़ा स्त्रोत भी है | सूर्य अपनी
रोशनी पृथ्वी के साथ-साथ सौर मंडल के दुसरे ग्रहो को भी देता है | हमारे सौरमंडल में 8 ग्रह और 166 उपग्रह, कई धूमकेतु और उल्कापिंड है |जो सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाते हैं | सूर्य इतना बड़ा है की इन सभी को मिला दिया जाए
तो भी यह सूर्य के बराबर नहीं हो सकते |
पृथ्वी पर इन्सान केसे आये?
सूर्य के बारे में जानना इसलिए जरुरी है क्योंकि इसी ने
हमें जीवन दिया है | और हमारी सारी दिनचर्या
इसी पर निर्भर है | अगर सिर्फ एक दिन सूरज
अपनी उर्जा देना बंद कर दे तो पृथ्वी बर्फ का गोला बन जाएगी और जीवन खत्म हो जाएगा | सूर्य को detail में समझने के लिए इन सवालो के जवाब जानने होंगे |
सूर्य का जन्म कैसे हुआ?
सूर्य हमारे ब्रम्हांड Milky Way का हिस्सा है | अरबों साल पहले
अंतरिक्ष में धूल और गैस के बादल इकट्ठे हुए |किसी बल के कारण
यह बादल एक दूसरे से जुड़ने लगे और सिकुड़ने लगे | जिससे यह ठोस
होते गए इनमें गुरुत्वाकर्षण बल पैदा हुआ और हाइड्रोजन और हीलियम जैसी गेसो की
क्रियाओं से उर्जा उत्पन्न होने लगी | इसी को हम आज का
सूर्य कहते हैं | बाकी के बादल से अन्य
ग्रह बने जो सौर मंडल में मौजूद है | हमारी पृथ्वी भी
इसी से बनी है |
सूर्य की बनावट कैसी है?
लगभग 4.5 अरब साल पहले
सूर्य का जन्म हुआ | पर क्या आपको यह पता है
की सूर्य पर कोई सतह नहीं है | यह पूरा गैस का
बना है | अगर सूर्य में सारी ऊर्जा खत्म हो जाए तो इसका
आकार पृथ्वी के समान हो जाएगा | सूर्य में 74
% हाइड्रोजन, 24 % हीलियम और 2 % अन्य तत्व मौजूद है | इतने सारे
हाइड्रोजन के कारण ही यह इतनी उर्जा पैदा करता है | सूर्य का प्रकाश
हमारी पृथ्वी तक पहुंचने में 8 मिनट 22 सेकंड का समय लगता है |
ग्रह सूर्य के चारों ओर चक्कर क्यों लगाते हैं?
हमारे सौरमंडल में 8 ग्रह है वह सभी सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाते हैं | इसका कारण है सूर्य का गुरुत्वाकर्षण बल | अगर यह गुरुत्वाकर्षण बल नहीं हो, तो हमारे हमारे सारे ग्रह सूर्य के से दूर होकर
अंतरिक्ष में इधर उधर चले जाएंगे | लगभग सभी ग्रहो
पर अपना-अपना गुरुत्वाकर्षण बल हैं | पर सूर्य का
सबसे ज्यादा है | सारे ग्रह सूर्य से सही
दूरी पर है यह ना तो सूर्य के पास आ सकते हैं और ना ही इससे दूर जा सकते है | सभी अपनी अपनी कक्षाओं में बिना एक दूसरे से
टकराए घूमते रहते हैं |
हमारी पृथ्वी सूर्य के का एक चक्कर लगाने में 365 दिन लगाती है इसी से हमारा 1 साल बनता है | पृथ्वी अपनी
धुरी पर 24 घंटे में एक चक्कर पूरा
करती है जिससे एक दिन और रात बनते हैं |
सूर्य का आकार कितना बड़ा है?
सौरमंडल के सारे 8 ग्रह और 166 उपग्रह, कई धूमकेतु और उल्कापिंड को मिला दिया जाए तो
भी सूर्य के सामने वह कुछ नहीं है | वैज्ञानिकों के
अनुसार सूर्य इतना बड़ा है कि इसमें 13 लाख पृथ्वीया समां सकती है |सूर्य का
गुरुत्वकर्षण, पृथ्वी की तुलना
में 28 गुना ज्यादा है | मतलब अगर पृथ्वी पर आपका वजन 50 किलो है तो सूर्य पर आपका वजन 1400 कीलो होगा |
सूर्य किसका चक्कर लगाता है?
प्रकृति का नियम ही ऐसा है कि हर बॉस का एक और बॉस होता है | हमारे सौर मंडल के सभी ग्रह अगर सूर्य का
चक्कर लगाते हैं तो सूर्य भी इन सभी ग्रह को साथ में लेकर ब्लैक होल का चक्कर
लगाता है
|
ब्लैक होल क्या है?
हमारी गैलेक्सी में कई सारे सूर्य और उनके आसपास उनके ग्रह
मौजूद है
| इनमें से कई पर जीवन
मौजूद हो सकता है | यह हमारे सौरमंडल से
इतने दूर है कि हमें वहां तक पहुंचने में ही अरबो साल लग जाएंगे | हमारे ब्रम्हांड का Center Point होता है Black Hole. इसके चारों ओर सभी चक्कर लगाते हैं | हमारा सूर्य इस ब्लैक होल से 30000 प्रकाश वर्ष दूर है | प्रकाश एक साल में जो दूरी तय करता है उसे एक
प्रकाश वर्ष कहा जाता है | सूरह को Black
Hole का एक चक्कर लगाने में
करीब 22.5 करोड़ साल लगते हैं | और सूर्य अपने दूरी पर 25 दिन में एक चक्कर पूरा करता है |
सूर्य इतनी उर्जा पैदा कैसे करता है?
हर उर्जा के पीछे एक स्त्रोत होता है | सूर्य हाइड्रोजन और हीलियम से उर्जा पैदा करता
है | सूर्य की सतह पर हमेशा हाइड्रोजन के विस्फोट
होते रहते हैं | जो कि पृथ्वी पर बहुत से
हाइड्रोजन बम और परमाणु विस्फोट से भी ज्यादा है | सूर्य अपनी
उर्जा अपने केंद्र से पैदा करता है | सूर्य से निकली
उर्जा का 2 अरबवा हिस्सा ही पृथ्वी तक पहुच पाता है | जिसमें 15% अंतरिक्ष जाता है | बाकी बची उर्जा हमारे लिए होती है |
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