microscope ki khoj kisne ki

सूक्ष्मदर्शी या माइक्रोस्कोप वह यंत्र है जिसकी सहायता से आँख से न दिखने योग्य सूक्ष्म वस्तुओं को भी देखा जा सकता है. सामान्य सूक्ष्मदर्शी ऑप्टिकल माइक्रोस्कोप होता है, जिसमें रोशनी और लैंस की मदद से किसी चीज़ को बड़ा करके देखा जाता है

ऐसा माना जाता है सबसे पहले सन 1610 में इटली के वैज्ञानिक गैलीलियो ने सरल सूक्ष्मदर्शी बनाया. पर इस बात के प्रमाण हैं कि सन 1620 में नीदरलैंड्स में पढ़ने के लिए आतिशी शीशा बनाने वाले दो व्यक्तियों ने सूक्ष्मदर्शी तैयार किए. इनके नाम हैं हैंस लिपरशे (जिन्होंने पहला टेलिस्कोप भी बनाया) और दूसरे हैं जैकैरियस जैनसन. इन्हें भी टेलिस्कोप का आविष्कारक माना जाता है

इलेक्ट्रॉन सूक्ष्मदर्शी में प्रकाश के बदले इलेक्ट्रॉन का इस्तेमाल होता है. इलेक्ट्रॉन द्वारा वस्तुओं को प्रकाशित किया जाता है एवं उनका परिवर्धित चित्र बनता है. कुछ इलेक्ट्रॉन सूक्ष्मदर्शी वस्तुओं का 20 लाख गुणा बड़ा चित्र बना सकते है. परमाण्विक बल सूक्ष्मदर्शी यंत्र (atomic force microscope, AFM), जिसे scanning force microscope (SFM) भी कहा जाता है, एक बेहद छोटी चीजों को यानी नैनोमीटर के अंशों से भी सूक्ष्म स्तर तक दिखा सकता है. एक नैनोमीटर, एक मीटर का एक अरबवाँ अंश होता है

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