नाइट्रीकरण का क्या अर्थ होता है?

जब ऐल्केन के हाइड्रोजन परमाणु को नाइट्रो (-NO2) मूलक द्वारा प्रतिस्थापित करते हैं तो नाइट्रोऐल्केन उत्पाद बनते हैं। इस प्रतिस्थापन अभिक्रिया को नाइट्रीकरण कहते हैं। ऐल्केनों की नाइट्रिक अम्ल के साथ साधारण परिस्थितियों में कोई अभिक्रिया नहीं होती है, परन्तु जब ऐल्केन व नाइट्रिक अम्ल की वाष्पों को अधिक ताप (300-450°C) पर गर्म करते हैं तो नाइट्रोऐल्केन प्राप्त होते हैं। इस विशेष नाइट्रीकरण अभिक्रिया को वाष्प अवस्था नाइट्रीकरण कहते हैं।

R-H + HO-NO2 →450 R-NO2 + H2O

CH4 + HNO2 CH3NO2 + H2O

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