नाभिकीय विखंडन
नाभिकीय विखंडन वह प्रक्रिया है जिसमे एक भारी नाभिक एक न्यूट्रॉन को ग्रहण करके लगभग बराबर द्रव्यमान के दो हल्के नाभिको में टूट जाता है। प्राप्त दो हल्के नाभिकों को विखंडन खंड कहते है।
नाभिकीय विखंडन की क्रिया परमाणु बम तथा नाभिकीय रिएक्टर का
आधार हैं
नाभिकीय उर्जा
अतः नाभिकीय विखंडन से जो ऊर्जा मुक्त होती है, उसे ‘नाभिकीय ऊर्जा’ कहते है।
इस क्रिया में मुक्त हुई ऊर्जा की गणना इस प्रकार से कर
सकते हैं:
(92U235 + 0n1) के द्रव्यमान = 234.99 amu + 1.01 amu =
236.00 amu.
(56Ba144 +
36Kr89 + 3 0n1) के द्रव्यमान = 143.87
amu + 88.90 amu + 3 x 1.01 amu = 235.80 amu
अतः द्रव्यमान क्षति m = 236.00 – 235.80 = 0.20 amu
आइंस्टीन के द्रव्यमान ऊर्जा समीकरण के अनुसार, 1
amu द्रव्यमान के तुल्य ऊर्जा
931 MeV होती है। अतः उपरोक्त
द्रव्यमान क्षति के तुल्य ऊर्जा
E = 0.20 amu x 931 MeV/amu =190 MeV
इस प्रकार, यूरेनियम U235 के एक नाभिक के विखंडन से लगभग 190 MeV
(मिलियन इलेक्ट्रान – वोल्ट) ऊर्जा मुक्त होती है।
इस ऊर्जा का अधिकाँश भाग विखंडन से प्राप्त खंडो की गतिज के
रूप में प्राप्त होता है।
शेष भाग उत्सर्जित न्यूट्रॉनो की गतिज ऊर्जा, γ- किरणों तथा ऊष्मा व प्रकाश विकिरणों के रूपों
में प्राप्त होता है।
1 ग्राम यूरेनियम के विखंडन में मुक्त ऊर्जा U235 के 1 ग्राम परमाणु (235 ग्राम) में 6×1023
(अवोगाद्रो संख्या) परमाणु होते है।
अतः 1 ग्राम यूरेनियम
में परमाणुओं की संख्या 6 x 1023/235 = 2.56 x 1021 चूँकि प्रत्येक
परमाणु के नाभिक के विखंडन से लगभग 200 MeV ऊर्जा मुक्त होती है।
अतः 1 ग्राम यूरेनियम
से प्राप्त ऊर्जा = (2.56 x 1021)x 200 MeV = 5×1023 MeV.
अतः 1 ग्राम यूरेनि यम
का विखंडन होने पर 5 x 1023MeV ऊर्जा उत्पन्न
होगी।
इतनी ऊर्जा 20 T.N.T. (tri – nitro – tolune) में विस्फोट करने से उत्पन्न होती है। इससे 2
x 104 किलोवाट – घंटा विद्युत ऊर्जा उत्पन्न हो सकती है।
रेडियोएक्टिव विघटन तथा नाभिकीय विखंडन में अंतर :
दोनों क्रियाओं में मुख्य अंतर निम्नलिखित हैं:
- रेडियोएक्टिव विघटन स्वतः होने वाली प्रक्रिया है जबकि विखंडन स्वतः नहीं होता। विखंडन में भारी नाभिकों पर न्यूट्रॉनो की बमबारी की जाती है।
- रेडियोएक्टिव विघटन में नाभिक से α- अथवा β- कण निकलते है एवं γ- किरणों के रूप में ऊर्जा मिलती है जो बहुत अधिक नहीं होती।
- नाभिकीय विखंडन में न्यूट्रॉनो के बमबारी से एक भारी नाभिक दो लगभग बराबर के हल्के नाभिको में टूट जाता है तथा बहुत अधिक ऊर्जा प्राप्त होती है।
रेडियोएक्टिव विघटन में नाभिक के परमाणु –
क्रमांक में केवल 1 या 2 का अंतर तथा द्रव्यमान
संख्या में 0 या 4 का परिवर्तन हो सकता है; जबकि नाभिकीय विखंडन में परमाणु – क्रमांक तथा द्रव्यमान – संख्या दोनों लगभग बराबर – बराबर बँट जाते है।
रेडियोएक्टिव विघटन की दर को किसी भी प्रकार नियंत्रित नहीं
किया जा सकता, जबकि नाभिकीय
विखंडन की दर को उपयुक्त विधियों द्वारा नियंत्रित किया जा सकता है।
नाभिकीय विखंडन में श्रृंखला अभिक्रिया
जब यूरेनियम पर न्यूट्रॉनो की बमबारी की जाती है तो
प्रत्येक यूरेनियम नाभिक दो लगभग बराबर खंडो में विखंडित हो जाता है तथा इसके साथ
ही बहुत अधिक ऊर्जा व दो या तीन नए न्यूट्रॉन निकलते हैं। ये न्यूट्रॉन अनुकूल
परिस्थितियाँ मिलने पर अन्य यूरेनियम नाभिको को इसी प्रकार विखंडित करते जाते है।
इस प्रकार नाभिको के विखंडन की एक श्रृंखला बन जाती है जो एक बार प्रारम्भ होने के
बाद स्वतः चलती रहती है जब तक की सम्पूर्ण यूरेनियम समाप्त नहीं हो जाता। इस
प्रक्रिया को नाभिकीय विखंडन अभिक्रिया कहते है।
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