Rabies Treatment in Hindi

रैबीज क्या है? रैबीज का क्या ईलाज है?

यह एक विषाणु जनित रोग है | इसके रोगी (कुत्ता या मनुष्य या अन्य कोई जन्तु जैसे गीदड़ आदि) के थूक में विषाणु रहते हैं | जब ऐसा रोगग्रस्त कुत्ता, आवश्यक नहीं है कि वह पागल दिखाई पड़ता हो, किसी मनुष्य को काटता हो तो घाव से होकर कुत्ते के थूक में उपस्थित विषाणु उसके शरीर में प्रवेश कर जाते हैं | कुछ समय बाद रोग आति भयानक परिस्थितियाँ पैदा कर देता है तथा रोगग्रस्त जन्तु तथा मनुष्य गम्भीर रूप से संक्रमित हो जाते हैं |

रैबीज के विषाणु का प्रभाव रोगी के केन्द्रीय तन्त्रिका तन्त्र पर पड़ता है | इससे रोगग्रस्त मनुष्य के गले में भयंकर पीड़ा होती है तथा कुछ भी निगलने की क्षमता नहीं रहती है | रोगी पानी से डरने लगता है  | कभी - कभी ऐसा व्यक्ति आक्रामक भी हो जाता है |

सामान्यतः पागल कुत्ते के काटने का प्रभाव 15 दिन तक रहता है और इतने समय में रोग के लक्षण प्रदर्शित होने लगते हैं किन्तु कभी - कभी 7 - 8 महीने तक इसका प्रभाव सुस्त अवस्था में रहता है | कुत्ता मनुष्य को काटने के बाद भी जीवित रहे तथा पागल नहीं हो तो उसे रोग्रस्त नहीं माना जाना चाहिए | रोगग्रस्त होने पर कुत्ता पागल होकर अधिकतम 15 दिन के अन्दर मर जाता है |

पागल कुत्ते के काटने के उपचार हेतु कुत्ते द्वारा काटे गए स्थान/घाव को लाल दवा से धोना चाहिए ! घाव में कार्बोलिक अम्ल, पोटैशियम परमैंगनेट का चूर्ण अथवा लाल मिर्च भर सकते हैं | कुत्ते काटे के इंजेक्शन भी अवश्य लगवाने चाहिए | काटने वाले कुत्ते को इसके बाद सुरक्षित रखना चाहिये तथा अगर वह पागल हो जाये तो समझना चाहिए कि काटे गए मनुष्य में रोग के विषाणु पहुँचे हैं | यदि कुत्ता इसके बाद भी पूर्ण स्वस्थ रहता है तो उसमें रोग होने की संम्भावना नहीं है |

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