समुद्री पानी खारा क्यों होता है?
जब धरती नई-नई बनी थी, तब इसके वातावरण में कई प्रकार की गैसें थीं, जो ज्वालामुखियों की आग और धुएं से निकली थीं | ये गैसें धीरे-धीरे समुद्र के पानी में घुलीं | दूसरे जमीन पर बारिश का पानी जब नदियों के रास्ते समुद्र तक आता है, जो मिट्टी के साथ कई तरह के लवणों को भी ले आता है | यह भी पानी में घुलता है | समुद्र के पानी में नमक लगातार बढ़ रहा है, पर यह मात्रा इतनी कम है कि उसे मापना सम्भव नहीं |

नदियों और झरनों के पानी में भी प्रकृति के अन्य पदार्थों से आए लवण घुलते हैं | उनकी मात्रा कम होती है इसलिए वह पानी हमें मीठा लगता है | समुद्र में ख़ास दो लवण हैं सोडियम और क्लोराइड | दुनिया के अलग-अलग समुद्रों के पानी में अलग-अलग मात्रा में खारा होता है | सामान्यतः 1000 ग्राम या एक लिटर समुद्री पानी में 35 ग्राम (सात चम्मच) नमक होता है | इसे पार्ट्स पर थाउजैंड (पीपीटी) कहते हैं | सामान्यतः समुद्रों का पानी 34 से 36 पीपीटी नमकीन होता है, पर यूरोप के पास के भूमध्य सागर का पानी 38 पीपीटी है |

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