एक ब्लैक होल ऐसी खगोलीय वस्तु होती है जिसका गुरुत्वाकर्षण
क्षेत्र इतना शक्तिशाली होता है कि प्रकाश सहित कुछ भी इसके खिंचाव से बच नहीं
सकता है | ब्लैक होल के चारों ओर एक सीमा होती है जिसे
घटना क्षितिज कहा जाता है, जिसमें वस्तुएं
गिर तो सकती हैं परन्तु बाहर कुछ भी नहीं आ सकता इसे “ब्लैक (काला)” इसलिए कहा जाता है
क्योंकि यह अपने ऊपर पड़ने वाले सारे प्रकाश को अवशोषित कर
लेता है और कुछ भी परावर्तित नहीं करता, थर्मोडाइनामिक्स में ठीक एक आदर्श ब्लैक-बॉडी की तरह | ब्लैक होल का क्वांटम विश्लेषण यह दर्शाता है
कि उनमें तापमान और हॉकिंग विकिरण होता है |
अपने अदृश्य भीतरी भाग के बावजूद, एक ब्लैक होल अन्य पदार्थों के साथ अन्तः-क्रिया के माध्यम
से अपनी उपस्थिति प्रकट कर सकता है | एक ब्लैक होल का
पता तारों के उस समूह की गति पर नजर रख कर लगाया जा सकता है जो अन्तरिक्ष के खाली
दिखाई देने वाले एक हिस्से का चक्कर लगाते हैं | वैकल्पिक रूप से,
एक साथी तारे से आप एक अपेक्षाकृत छोटे ब्लैक
होल में गैस को गिरते हुए देख सकते हैं |
यह गैस सर्पिल आकार में अन्दर की तरफ आती है, बहुत उच्च तापमान तक गर्म हो कर बड़ी मात्रा
में विकिरण छोड़ती है जिसका पता पृथ्वी पर स्थित या पृथ्वी की कक्षा में घूमती
दूरबीनों से लगाया जा सकता है | इस तरह के
अवलोकनों के परिणाम स्वरूप यह वैज्ञानिक सर्व-सम्मति उभर कर सामने आई है कि,
यदि प्रकृति की हमारी समझ पूर्णतया गलत साबित न
हो जाये तो, हमारे ब्रह्मांड
में ब्लैक होल का अस्तित्व मौजूद है |
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