हलासन कैसे करते हैं? हलासन के फायदे क्या है? साथ ही हलासन योगासन के बारे में संक्षिप्त जानकारी इन हिंदी।

संस्कृत और हिंदी में हल का अर्थ है 'हल'। इस आसन की अंतिम स्थिति में, शरीर एक हल के आकार जैसा दिखता है। जैसा कि हल सख्त जमीन को नरम बनाता है, इस आसन में नसें खिंच जाती हैं जिससे शरीर की कठोरता कम हो जाती है।

Halasana yoga

हलासन के नाम से ही हमें पता चल सकता है की यह कैसा होगा। इस आसन में शरीर का आकार किसान के हल बन जाता है इसलिए इस आसन को हलासन कहा जाता है। हलासन हमारे शरीर को लचीला बनाता है। हमारी रीढ़ की हड्डी सदा जवान रहती है। साथ ही हमारी गर्दन, पीठ, कमर के दर्द को काम करता है और वजन घटने में लाभदायक है।

 

हलासन कैसे करे? (Halasana yoga)

हलासन करने का तरीका (विधि)

1. पीठ के बल लेट जाए पेरो और पंजो को एक साथ रखे भुजाओ को शरीर के बगल में रखे और हथेलियों को निचे की और रखे सम्पूर्ण शरीर को शिथिल करे.

2. दोनों पेरो को एक साथ और सीधा रखते हुए लम्बवत उपर उठाए उन्हें उठाते समय केवल उदर की पेशियों का प्रयोग करे.

Halasana yoga

3. भुजाओ पर बल देकर नितम्बो को उठाए और पीठ को जमीन से उठाने के लिए मोड़े पेरो को सिर की और झुकाए

4. सिर के पीछे पेरो की अंगुलियों से जमीन को स्पर्स करने का प्रयास करे तथा पेरो की अंगुलियों पर बल न लगाए.

5. हथेलियों को उपर की और पलटे कोहनियों को मोडे और हाथो को सर्वांगासन की तरह पीठ को सहारा देने के लिए पसलियों के पीछे रखे.

6. अंतिम स्थिति में शरीर को शिथिल करे और जितनी देर आराम पूर्वक रह सके रहे.

7. भुजाओ को निचे लाए उसके बाद धीरे-धीरे पीठ और नितम्बो को निचे लाते हुए प्रारम्भिक स्थिति में आ जाए.

8. प्रारम्भिक अभ्यासियो को इसे 15 सेकंड करे तथा बाद में 10 मिनट तक क्र सकते हे.

 

हलासन के क्या फायदे लाभ है? तथा हलासन के अद्भूत चमत्कार

1. पाचन किर्या बढती हे जिससे कब्ज दूर होती हे

2. आंतरिक अंगो की मालिश होती हे

3. अग्नाशय द्वारा इंसुलिन के उत्पादन में वर्धि होती हे और य्क्र्ट और गुर्दे मजबूत होते हे

4. थायरायड ग्रन्थि के कार्य को नियमित करता हे

5. दमा, कब्ज मूत्र नली माशिक-धर्म की बीमारियों में सहायक हे

 

हलासन करने में क्या सावधानी बरती जाए

1. हर्निया, स्लिप-डिस्क, साइटिका, उच्च रक्तचाप, पीठ के रोग, गर्दन के गठिया रोग आदि में इसे न करे

2. हाई ब्लड प्रेशर, कमर दर्द, गर्दन दर्द के रोगी इस आसन को न करे।

3. गर्भवती महिलाएं और मासिक धर्म में यह आसन न करे।

4. जो लोग बहोत मोटे है वह यह आसन सावधानी से करे।

5. पैरो को आराम से पीछे की तरफ जाए झटका न दे।

Expert के देखरेख में ही हलासन आसन करे।

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