कटिचक्रासन आसन कैसे करते हैं ? कटिचक्रासन आसन के फायदे क्या है ? साथ ही कटिचक्रासन आसन योगासन के बारे में संक्षिप्त जानकारी
कटिचक्रासन का अर्थ – Katichakrasana meaning in Hindi
कटिचक्रासन दो शब्द मिलकर बना है कटि जिसका अर्थ होता है कमर और चक्र जिसका
अर्थ होता है पहिया। इस आसन में कमर को दाईं और बाईं ओर मरोड़ना अर्थात् घुमाना
होता है। ऐसा करते समय कमर पहिये की तरह घूमती है, इसलिए इसका नाम
कटिचक्र रखा गया है।
कटिचक्रासन विधि
1. पंजो के बिच लगभग आधा
मीटर की दुरी रखते हुए खड़े हो जाए भुजाओ को बगल में रखे,
2. भुजाओ को कन्धो की
उचाई तक उठाते हुए गहरी श्वास ले श्वास छोड़ते हुए शरीर को बाए और मोड़े, दाहिना हाथ बाए कंधे पर लगाए और बाए भुजा से पीठ को लपेटते हुए बाए हाथ को कमर
की दाहिनी और ले जाए बाए कंधे से जितनी दूर सम्भव हो देखे,
3. गर्दन के पिछले भाग को
सीधा रखे और कल्पना करे की मेरुदंड का शीर्ष एक स्थिर बिंदु हें जिसके चारो और
शरीर घूमता हे,
4. दो सेकंड तक श्वास
रोके रखे और अधिक मुड़े और पेट में हल्का खिचाव लाने का प्रयास करे
5. श्वास ले और
प्रारम्भिक अवस्था में लोट जाए एक चक्र पूरा करने के लिए इसे दोहराए
6. घूमते समय पंजो को
जमीन पर जमाए रखे अभ्यास के दोरान भुजाओ और पीठ को जितना सम्भव हो शिथिल रखे अधिक
जोर न लगाए गति आरामदायक और सहज होनी चाहिए,
7. कटिचक्रासन का 5 से 10 चक्र अभ्यास करे
कटिचक्रासन लाभ
1. यह आसन कमर,पीठ और पुठो का पोषण करता हे और मोटापा कम करता हे,
2. पीठ के कड़े पन को दूर
करता हे,
3. कब्ज को दूर करता हे
4. शारीरिक और मानशिक
तनाव दूर होता हे
यह कमर, पेट, कूल्हे, मेरुदंड तथा जंघाओं को सुधारता है। इससे गर्दन और कमर में लाभ मिलता है। यह
आसन गर्दन को सुडौल बनाकर कमर की चर्बी घटाता है। शारीरिक थकावट तथा मानसिक तनाव
दूर करता है।
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