मंडूकासन आसन कैसे करते हैं? मंडूकासन आसन के फायदे क्या है? साथ ही मंडूकासन आसन योगासन के बारे में संक्षिप्त जानकारी हिन्दी में.

Mandukasana

मंडूकासना अर्थ:-

मंडूकासना संस्कृत के दो शब्दो से मिलकर बना है मंडूक और आसन। मंडूक का अर्थ मेंडक और आसन का अर्थ योग मुद्रा से है। इसके अभ्यास से शरीर की स्थिति मेंडक की तरह बन जाती है इसलिए इसे मंडूकासना कहते है

इस आसन को करने से पेट के सभी अंगो की मालिश हो जाती है ओर पेट संबंधी सभी विकार दूर हो जाते है जैसे:- कब्ज, अपच, गैस इत्यादि।

मंडूकासन मधुमेह रोगी के लिए भी काफी कारगार है यह पैंक्रियास को उतेजीत कर इंसुलिन के स्त्राव को प्रेरित करता है।

 

मंडूकासन की प्रयोग विधि:-

1. घुटनों को मोड़ कर वज्रासन में बैठ कर दोनों हाथों की मुट्ठियां बंद कर पेट पर नाभि के दोनों ओर कम से कम डेढ़ से दो इंच की दूरी पर रखते हुए सांस निकालते हुए मुट्ठियों से पैर दबाते हुए आगे झुकें, अधिक से अधिक आगे की ओर झुक जाएं। छाती घुटनों के पास आ जाएगी।

2. यहां पर सिर को ऊपर की ओर उठा कर रखना है। सांस की गति को सामान्य रखते हुए यथाशक्ति कुंभक (रोक) लगा कर रखें।

3. तीन से पांच बार इसका अभ्यास करना चाहिये या अपने स्वस्थ के अनुसार भी कर सकते है।

 

विपरीत आसन:-

हर एक आसन का अभ्यास करने के पश्चात उसके विपरीत आसन का अभ्यास जरूर कर लें। मंडूकासना के अभ्यास के बाद आप अर्ध उष्ट्रासना ओर उष्ट्रासना का अभ्यास कर सकते हैं।

 

मंडूकासना लाभ:-

1. मधुमेह रोगियों के लिए यह आसन काफी उत्तम है इस आसन के अभ्यास से पैंक्रियास सक्रिय होता है और इंसुलिन के स्त्राव को बड़ाता है जिससे रक्त में शर्करा के स्तर को प्रबंधित करने में सहायक है।

2. यह आसन पेट के आंतरिक अंगो की मसाज करता है जिससे पाचन सम्बन्धी विकार दूर होते है।

3. कब्ज, गैस, अपच, भूख न लगना, पाचन ठीक ढंग से न होना आदि विकारों को दूर करता है।

4. पेट में जमी अतिरिक्त चर्बी को गलाने में सहायक है। इस आसन से पेट के अंगो पे अच्छा खासा दवाब पड़ता है जिससे अगर आपकी तोंद निकली है तो वह समान्य हो जाती है।

5. हमारे पेट में तरह तरह की जहरीली गैसें होती है इस आसन के अभ्यास से इन गैसों से मुक्ति मिलती है और शरीर गैसों से होने बाले क्यी विकारों से बच जाता है यह एक तरह से पवनमुक्तसन की तरह कार्य करता है।

 

मंडूकासना सावधानियाँ:-

1. पेप्टिक अल्सर, हर्निया से ग्रसित व्यक्ति को मंडूकासना का अभ्यास नहीं करना चाहिए।

2. अगर कमर में गंभीर दर्द रहता है तो भी मंडूकासना का अभ्यास नहीं करे।

3. घुटनों में दर्द रहने की अवस्था में भी इस आसन को न करें।

4. गर्भवती महिलाओं को यह आसन नहीं करना चाहिए।

5. अगर आप उच्च रक्त चाप, अनिद्रा,माइग्रेन जैसी समस्या से परेशान हैं तो भी इस आसन को न करें।

6. जो वज्रासन में नहीं बैठ सकते है वह सुखासन में बैठ कर सकते है।

मण्डूकासन वज्रासन समूह का आसन है, यह न केवल व्यक्ति को स्वस्थ बनाता है बल्कि यह सौन्दर्य, शरीर को सही आकृति, नाड़ियों में सन्तुलन तथा उच्च योगिक अभ्यास के लिए तैयार करता है। आसन का अभ्यास किसी योग प्रशिक्षक की देख रेख में ही करें। 

1 टिप्पणी:

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