पृथ्वी के घुमने का क्या कारण है?
यदि पृथ्वी घुमती है, तो हमें पता क्यों नहीं चलता? उसका कारण यह है कि गुरुत्वाकर्षण के कारण हम
तथा दूसरी वस्तुएं, यहाँ तक कि हवा
भी पृथ्वी के साथ ही घुमती रहती है इसे आप इस प्रकार समझ सकते हैं यदि आप एक गेंद
पर चींटी रखकर गेंद को घुमाएँ तो चींटी को यह पता नहीं चलेगा कि गेंद घूम रही
है ठीक इसी प्रकार धरती की सतह पर हम भी
विराजमान हैं और हमें धरती के घुमने का पता नहीं चलता अब पूछेंगे कि पृथ्वी के
घुमने की बात हम कैसे मन लें ?
पृथ्वी के सूर्य के चारों ओर घुमने और अपनी धुरी पर घुमने
के कई प्रमाण हैं प्रथ्वी के सूर्य के चारों और घुमने के कारण ही अलग-अलग मौसम
होते हैं पृथ्वी के अपनी धुरी पर घुमने के कारण रात और दिन होते हैं पृथ्वी का जो
हिस्सा सूरज के सामने आ जाता है, उस पर दिन हो
जाता है और पीछे वाले हिस्से पर रात रहती है |
यदि पृथ्वी अपनी धुरी पर न घुमती होती, तो एक ही हिस्से पर हमेशा दिन रहता और दुसरे
हिस्से पर हमेशा रात पृथ्वी अपनी धुरी पर लम्बवत (vertical) से 23.5 डिग्री पर झुकी
हुई है इससे प्रत्येक धुव्र छ: महीने तक सूर्य के सामने रहता है और छ: महीने तक
सूर्य से दूर इसलिए धुवों पर छ: महीने का दिन और छ: महीने की रात होती है इन सब
प्रमाणों से सिद्ध होता है कि पृथ्वी सूर्य के चारों और अपनी धुरी पर सतत रूप से
घुमती रहती है |
आज सारे संसार में इस बात को माना जाता है कि पृथ्वी अपने
जन्म से ही लगातार दो प्रकार की गतियाँ कर रही है पहली गति यह सूर्य के चारों ओर
करती है और दूसरी अपनी धुरी को सूर्य के चारों ओर एक चक्कर लगाने में 365.3422 दिन लगते हैं, जिसे हम एक वर्ष कहते हैं पृथ्वी को अपनी धुरी पर चक्कर
लगाने में चौबीस घंटे लगते हैं |
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