रोज़ सूर्योदय जब
सुरज उदय होता है और सूर्यास्त जब सूरज अस्त होता है के समय सूरज लाल क्यों हो
जाता है? आपने सुबह या शाम
के सूरज को तो देखा ही होगा। उस वक्त सूरज का रंग क्या होता है? जी हाँ, उस वक्त सूरज का
रंग हमे लाल नज़र आता है पर आपने कभी सोचा है कि ऐसा क्यों होता है! दिन में सूरज कभी सफेद, कभी पीला नज़र आता
है |
लेकिन शाम के समय
ये लाल क्यों नज़र आता है ?
क्या सूरज का रंग
समय के साथ बदल जाता है? सूरज हमे
सूर्योदय और सूर्यास्त के समय लाल नज़र नज़र आता है। दरअसल, सूर्योदय और
सूर्यास्त के समय सूरज क्षितिज (horizon) में होता है (क्षितिज वो जगह होती है जहाँ पर पृथ्वी और
आसमान एक दूसरे से मिलते हुए से लगते है)
जब सूरज क्षितिज
में होता है , उस वक़्त सुरज कि
किरणों को हमारी आँखों तक पहुचने के लिए सबसे जादा वातावरण के कणों (air molecules) को पार करना पड़ता
है (जब सुरज एकदम हमारे सर के ऊपर होता है, ओस वक़्त सुरज कि किरणों को हमारी आँखों तक पहुचने के लिए
सबसे कम वातावरण के कणों (air molecules) को पार करना पड़ता
है) जितना जाता वातावरण, उतना ज़ादा
नाइट्रोजन (nitrogen) के अणु (molecules) जब photons नाइट्रोजन के
अणुओं (molecules) से टकराते है, तो नाइट्रोजन (nitrogen) के अणु (molecules) उन photons को अवशोषित (absorb) करके फिर से बाहर
निकाल देते है । इस absorption
और emission की प्रक्रिया (process) को scattering of light भी कहते है।
हमे पता है कि
लाल रंग कि किरणों की wavelength
सबसे जादा होती
है और नीले रंग की wave
length सबसे कम। छोटी wave length वाली किरणे सबसे ज़ादा फैलती है। मतलब जितना कम wavelength होगी, उतनी जादा उस रंग
की किरणों फैलेंगी।
जब सूरज की किरणे
हमारे वातावरण में प्रवेश करती है तो लाल रंग सीधे प्रवेश कर जाता है पर नीला, बेंगानी और अन्य
रंग वातावरण में ही बिखर जाते है और हमारी आँखो तक नहीं पहुँच पाते सूर्योदय और
सूर्यास्त के समय सूरज की किरणों को सबसे ज़ादा वातावरण से गुज़रना पड़ता है, और जितना जादा
वातावरण उतना ज़ादा scattering of light। जितना ज्यादा scattering, उतना ज़ादा कम-wavelength कि किरणों का
बिकराव । ये बिकराव इतना ज़ादा हो जाता है कि नीला, बेंगानी, पीला रंग आसमान में भिखर जाते है और हमे बस लाल रंग का सूरज नज़र आता है ।
इसलिए सूरज हमें
सुबह और शाम को बस लाल नज़र आता है, सफेद या पीला नहीं तो अब आपको पता चल गया है कि सूरज लाल
क्यों नज़र आता है, तो आप दुसरो को
भी बताइये। और हा, कभी वक्त निकाल
कर डूबते हुए सूरज को ज़रूर देखना, आपको भी प्रकृति से प्यार हो जायेगा ।
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