जीवन में सुख और शांति के लिए आपको एक मजबूत शरीर और शायद अधिक महत्वपूर्ण बात यह है कि एक स्पष्ट भावनात्मक शरीर का अनुभव करने की जरूरत होती है।

योग का अर्थ न केवल एकता या बांधना है। इस शब्द की जड़ है संस्कृत शब्द युज, जिसका मतलब है जुड़ना। आध्यात्मिक स्तर पर इस जुड़ने का अर्थ है सार्वभौमिक चेतना के साथ व्यक्तिगत चेतना का एक होना। व्यावहारिक स्तर पर, योग शरीर, मन और भावनाओं को संतुलित करने और तालमेल बनाने का एक साधन है।

पांच योगासन जो शरीर और मन को स्वस्थ रखता है

यदि आपका पूरा शरीर एक प्रतिध्वनि है तब आप किसी भी भावनात्मक चुनौती को पूरा करने के‍ लिए तैयार रहते हैं। इन सबके लिए शारीरिक व्यायाम बहुत जरूरी होता है। व्यायाम के अन्य प्रकारों में योग का सबसे ज्यादा महत्व है। योग के विभिन्न आसनों द्वारा सांस पर नियंत्रण पाया जा सकता है।

शरीर को दिमाग से जोड़ने वाले योगासन

1. ऊर्जा प्रदान करने वाला आसन

सबसे पहले अपने पैरों के समानांतर खडे हो जाइए। अब, सांस को अंदर करते हुए अपने हाथों को अपने सिर से ऊपर ले जाइए। उसके बाद, अपनी सांसों को छोडते हुए हाथों को कंधे पर रख दीजिए। इस बीच अपने आंखों से सभी प्रकार के तनावों को दूर रखिए। अपनी सांसों पर ध्यान केंद्रि‍त करते हुए आगे बढिए।

2. भुजंगासन

चेहरे को नीचे की तरफ करके जमीन पर लेट जाइए। अब, अपने माथे को जमीन से छुएं। अपनी हथेली को भुजाओं के नीचे रखिए, और स्थिति ऐसी होनी चाहिए कि आपकी उंगलियां भुजाओं को छू रही हों। अपने पैरों को सीधा रखिए। अपने सिर को पीछे की तरफ हल्का सा ले जाते हुए सांस लीजिए। 

अपने हाथों से सीने और सिर पर आगे की तरफ दबाव डालिए, लेकिन इस स्थिति में पीठ को मोडे रखिए। अपनी सांसों को रोके रखिए, ताकि सांप जैसी स्थिति दिखे। चेहरे को नीचे लाने से पहले इस स्थिति में 8 से 10 सेकेंड तक रहिए। इस क्रिया को 5 बार दोहराइए।

3. ताड़ासन

इस आसन में खडे़ होकर अपने पैरों, कमर और गर्दन को एक सीधी लाइन में रखिए। अपनी उंगलियों को सामने की तरफ कर मुट्ठी बांधिए। सांस लेते हुए अपनी बंद मुट्ठी के साथ अपने हाथों को ऊपर की तरफ उठाइए। सांसों को रोककर अपनी एडी को धीरे-धीरे उठाइए। आपने शरीर को ऊपर की तरफ जितना संभव हो खींचिए। फिर सांसों को छोडते हुए सा‍मान्य स्थिति में आइए। इस क्रिया को 5 से 10 बार दोहराइए।

4. सुखासन

दोनों घुटनों को मोडकर, गर्दन, कमर और पीठ को सीधा रखकर बैठिए। अपनी हथेलियों को सीधा रखिये इंडेक्स उंगली के अग्र भाग को अंगूठे से छूकर अन्य तीनों उंगलियों को सीधी रखिए। इस आसन को करने से आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत होगी। रक्त का संचार अच्छे से होगा, तंत्रिका तंत्र और पाचन क्रिया बेहतर होगी। इस आसन को करने से अंदर से शांति महसूस होगी। यह आसन आपको अंदर से मजबूत बनाता है।

5. त्रिकोणासन

अपने हाथों के बराबर में पैरों को फैला लीजिए। दोनों हाथों को ढीला छोडकर लटकने दीजिए। सांस को अंदर खींचते हुए दाहिने हाथ को आसमान की तरफ ऊपर ले जाइए और बाएं हाथ को शरीर से सटाकर नीचे ही रहने दीजिए। अपने हाथ और पैरों को सीधा रखिए। 

जब सांस को बाहर छोडते हुए दाहिने हाथ की तरफ झुकिए, इस बीच आपका दाहिना हाथ जमीन के समानांतर होना चाहिए। इसके बाद तेजी से बाएं हाथ से जमीन को छूने की कोशिश कीजिए। सांस लेते हुए सामान्य स्थिति में आइए। इसी क्रिया को विपरीत दिशा में भी दोहराते हुए कम से कम 5 बार कीजिए।

 

इन आसनों के जरिये आप न केवल शारीरिक बल्कि मानिसक शांति और शक्ति भी पा सकते हैं इन सभी योग को आप घर बेठे कर सकते है।

 यह भी पढ़े 

वक्रासन कैसे करते है? 

धनुआसन कैसे करते है? 

चक्रासन कैसे करते है? 

हलासन कैसे करते है?

कोई टिप्पणी नहीं:

Blogger द्वारा संचालित.